कारज धीरे होत है, काहे होत अधीर।।

हमारे जीवन में अनेक कार्य ऐसे होते हैं, जो नियत समय पर ही पूर्ण होते हैं, समय से पूर्व किसी को कुछ भी प्राप्त नहीं होता।