चिंता नहीं चिंतन से होगा समाधान

चिंता नहीं चिंतन करो —

चिंतन मन का केवल कार्य ही नहीं वल्कि धर्म है। चिंतन के पश्चात जो कार्य किया जाता है, उसकी सफलता में संदेह नहीं रहता। अत: किसी भी कार्य को करने से पूर्व चिंतन करना चाहिए। किसी भी समस्या पर हमें चिन्ता नहीं चिंतन करना चाहिए।