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युवाशक्ति किसी भी राष्ट्र और समाज का रीढ़ होता है। किसी भी राज्य, राष्ट्र और
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती
किसी भी परिवार एवमं समाज का भविष्य युवाओं के सोच पर निर्भर करता है। आज का युवा महत्त्वाकांक्षी है, प्रतिभाशाली भी है। परन्तु इस भौतिकवादी युग में वह सब-कुछ कोशिश किये बिना बहुत शीघ्रता से हासिल करना चाहता है। इस आपाधापी में असफल होने पर वह निराश हो जाता है।
स्वामी विवेकानंद — Swami Vivekanand Ka Mahan Jeevan
परम पूज्य रामकृष्ण परमहंस के शिष्य स्वामी विवेकानन्द एक असाधारण पथप्रदर्शक रहे हैं। स्वामी विवेकानंद ने युवाओं के पुरे जीवन चरित्र के निर्माण पर बल दिया है। इनके कथन यूवाओं में जोश वो उम्मीद की नई किरण पैदा करती है।
देव भूमि है आर्यावर्त! जिसे दुनिया भारतवर्ष के नाम से जानती है। ऐसा कोई काल नहीं जब यहाँ किसी न किसी रुप में महान आत्माओं का अवतरण न हुवा हो। स्वामी तपेश्वरानन्द भी उन्हीं में से एक हुए। तत्कालीन बिहार के बोकारो जिलांतर्गत एक छोटा सा गांव है, मोचरो।