सफलता के मंत्र
मंत्र अनुभव जनित होते हैं, जो हमेशा सकारात्मक परिणाम देते हैं। सफलता के मंत्र सफल होने के उपाय हैं, इन मंत्रों पर अमल करने से सफलता अवश्य प्राप्त होती है।
मंत्र अनुभव जनित होते हैं, जो हमेशा सकारात्मक परिणाम देते हैं। सफलता के मंत्र सफल होने के उपाय हैं, इन मंत्रों पर अमल करने से सफलता अवश्य प्राप्त होती है।
जीवन में ज्ञान का होना महत्वपूर्ण है, और आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होना भी जरूरी है। आज के समय में earning के लिए online methods उपलब्ध हैं। इस विषय में जानकारी प्राप्त करना सबके लिए जरूरी है।
ऑनलाइन अर्निंग कैसे करें … Read More »
मंजिल शब्द का कई अर्थों में उपयोग किया जाता है। लेकिन इसका मूल अर्थ एक गंतव्य, उद्देश्य या लक्ष्य को दर्शाना होता है, जिसे किसी व्यक्ति या समूह द्वारा प्राप्त करने का प्रयत्न किया जाता है।
आत्ममंथन हमारी सफलता का राज है। चाहे निराशा हो या फिर असफलता, आत्ममंथन हमें खुद पर विश्वास रखना सीखाता है।
भेदभाव, अर्थात् भेद की भावना। यह एक ऐसा शब्द है, जो विभिन्न विषयों में प्रयुक्त होता है। ऊंच-नीच, छुवाछुत आदि के भाव इसमें संलग्न होते हैं। जो किसी व्यक्ति या समूह के साथ वर्ग, जाति, धर्म, लिंग आदि के कारण उनके साथ भिन्नता का विचार उत्पन्न करता है। भेदभाव विभिन्न कारणों से वैचारिक भिन्नता के
भेदभाव : एक वैचारिक विपन्नता। Read More »
पेनिक डिसऑर्डर (penic disorder) एक मनोविकार है, जिसमें अचानक अधिक चिंता या घबराहट की अवस्था हो जाती है। जीवन में अनेक प्रकार की समस्याओं का आना जाना लगा रहता है। उपस्थित परेशानियां किसी किसी को अत्यधिक चिंताग्रस्त कर देती है। अगर लम्बे समय तक भय एवम् चिंता का भाव बना रहे तो व्यक्ति अवसादग्रस्त हो
पेनिक डिसऑर्डर को नियंत्रित कैसे करें!! Read More »
मित्रों नमस्कार, इस आलेख में एक शिक्षक की संवेदना का उल्लेख किया जा रहा है। आज के समय में भी ऐसे शिक्षक हैं, जो संवेदनशील होते हैं। ऐसे ही एक शिक्षक हैं श्री भालचंद्र पाण्डेय, जो उत्तर प्रदेश के बलिया प्रक्षेत्र के रहनेवाले हैं। “पहले पेट भरना सीख लो, फिर जो चाहे करो”, विद्यार्थियों के
एक शिक्षक की संवेदना Read More »
प्रभाते कर दर्शनम् – यह एक मंत्र का अंश है, जिसमें तीन शब्द हैं। पहला है प्रभात यानि सुबह की बेला, दुसरा है कर यानि हथेली और तीसरा है दर्शन। यहां दर्शन का आशय देखने से है। सुबह की जो बेला है, हम नींद से जगते हैं। जब हम नींद में होते हैं, हमारी पलकें
प्रभाते कर दर्शनम् …. प्रातःकालीन मंत्र। Read More »
मूर्खता मूर्ख होने की अवस्था है। इसके मूल में मूल ‘मूर्ख’ शब्द है। बुद्धहीनता इसका समानार्थी शब्द हैं। अर्थात् यह माना जाता है कि मूर्खता में बुद्धि का अभाव होता है। अब सवाल यह उठता है कि क्या वास्तव में मूर्ख बुद्धिहीन होते हैं? चूंकि यह मन का विषय है, मन का भाव है। अतः
मूर्खता क्या है जानिए Read More »
दृष्टिकोण हिन्दी भाषा का एक शब्द है। यह जो शब्द है, दृष्टि और कोण दो शब्दों का युग्म है। दृष्टि का आशय देखने की वृति से है, देखने की शक्ति से है। जिन चीजों को देखने की हमारी रुचि होती हैं, वो सबकुछ हमें दिखता है। अगर देखना न चाहें, तो कुछ भी नहीं दिखाई
दृष्टिकोण का अर्थ क्या है जानिए… Read More »
निराशा के पल, अर्थात् वह पल जब कोई निराश होता है। निराशा निराश होने का भाव है, यह आशा के विपरीत की अवस्था है। निराशा का अर्थ है आशा का अभाव। हर कोई सुखी होना चाहता है, सुख की चाहत व्यक्ति को कार्य में प्रवृत्त करता है। और ये कार्य सफलता की आशा के साथ
निराशा के पल … Moment of despair. Read More »