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संत रुमी के अनोखे विचार — Sant Rumi Ke Anokhe Vichar

संत रुमी का संक्षिप्त परिचय !

सुफी संत रूमी फारसी साहित्य के प्रख्यात लेखक, विचारक एवम् स्वच्छ नियमों के जानकार थे। रुमी एक ऐसे सुफी संत थे, जिन्हें दुनिया पागल समझती थी। सुफी संत रुमी का जन्म १२०७ ई° में अफगानिस्तान के वल्ख शहर में हुवा था। कालांतर में मंगोलों के आक्रमण से बचने के लिए उनका परिवार हजारों मिल दुर तुर्की के कोन्या में जाकर बस गया।

“जब मेरी मृत्यु हो जाय तो मेंरे मकबरे को जमीन में मत खोजना। उसे लोगों के दिलों में खोजना” यह पावन उक्ति सुफी संत रुमी के मजार पर लिखी हुवी है। यह आलेख उनके महान व्यक्तित्व से दुनिया को अवगत कराती है।

आप उड़ने के लिए पैदा हुवे हो! 

विद्वान रुमी के हजारों प्रशंसक थे, फिर भी उन्हें ऐसा लगता था कि उनके जीवन में कुछ कमी है। ‌जाना और माना हुवा तथ्य है, कि गुरू के वगैर ज्ञान नहीं मिलता। संसार में जितने भी विख्यात ज्ञानियों, विचारकों का अवतरण हुवा है। उनके जीवनोत्कर्ष में किसी ना किसी रहस्यमयी एवम् चमत्कारी व्यक्तित्व का प्रभाव रहा है। महान सुफी संत एवम् फारसी साहित्य के प्रख्यात लेखक, विचारक जलालुद्दीन मोहम्मद रूमी के साथ भी कुछ ऐसा ही घटित हुवा।  रुमी जब चालिस बर्ष के थे, उनकी मुलाकात एक रहस्यमयी सुफी शम्स तबरेज से हुवी। जिन्होंने उनकी पुरी जिन्दगी को बदल डाला।

संत रुमी कहते हैं; “आप उड़ने के लिए पैदा हुवे हो; फिर जीवन में रेंगना क्यों चाहते हो।”

उन्होंने खुद के अन्दर आये बदलाव का जिक्र इस अंदाज में किया है: “मेंरे हृदय में एक तारा प्रकाशमान हुवा तो सात स्वर्ग इसके जलवे में डुब गये।”

अपने गुरु संत तवरेज के सम्मान में, उनके संस्मरण में, उन्होंने कुछ इस तरह लिखा है_

“तुम्हारी शहद को चखकर
भौरों की तरह मस्ती में उड़ता हूं मैं।
तुम्हारी रहमत का जिक्र कैसे करूं
तुमने खोले हैं दरवाजे आसमान में।
रूमी शम्स तबरेज को
बार बार करते हैं नमन।
जिसने शोर करते इस दिल को
दिया है शाश्वत अमन।”

एक महान विचारक थे रुमी :

संत रुमी के कथन जीवन को सार्थक बनाने के लिए प्रेरित करता है। जीवन जीने के लिए है; जीवन में श्रद्धा का होना जरूरी है। जीवन में जश्न का होना जरूरी है।

संत रुमी ने कहा है; “हम सभी में एक अदृश्य शक्ति विद्यमान है। हर इंसान को कुछ विशेष काम के लिए बनाया गया है।और उस काम को करने की इच्छा हर दिल में डाली गयी है। अतः जिस काम से आप प्यार करते हैं, आपकी रुचि जिस काम में है। वह अगर आपका पेशेवर व्यवसाय बने तो इसकी सुन्दरता बेमिसाल होगी।”

लोग बुरे नहीं होते, उनके कर्म बुरे होते हैं!

संसार में आये प्रत्येक मनुष्य के मन-मस्तिष्क में सकारात्मक और नकारात्मक दोनों ही ऊर्जा का संचार होता रहता है। यह स्वयम् के समझ पर निर्भर करता है, कि आप किन विचारों को साथ लेकर चलते हैं।

संत रुमी कहते हैैं_ “ऐसा है, कि फरिश्ते और शैतान दोनों ही अच्छी और बुरी इच्छाओं को हमारे मन में डालते हैं; ताकि हम चुनाव कर सकें!”
“You are born with wing, how prefer to crawl through life.” _Rumi

जिन्दगी जीने के लिए है!

माना कि सुख और दुख, जीवन के दो अनिवार्य पहलु हैं। जीवन के सफर में अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। पर, विपरित परिस्थितियों में स्वयम् को सकारात्मक बनाए रखना चाहिए। जीवन में सहन शक्ति का होना अत्यधिक महत्वपूर्ण है। जीवन में आये परिशानियों से घबराकर जीवन को नष्ट नहीं होने देना चाहिए।

“संत रुमी ने कहा है; अगर आप छोटे-मोटे आघातों को सहन नहीं कर सकते तो फिर अपने जीवन को कैसे संभाल पायेंगे।”
“If you are irritade by every rub how will you be polished.”_Rumi

हम सुधरेंगे तो जग सुधरेगा!

मनिषियों, विचारकों के कथनों को समझना जरूरी है। विचार होने चाहिए। खुद को बदलने के लिए चिंतन-मनन अवश्य होने चाहिए। प्रयास स्वयम् के सुधार पर, खुद के नजरिये को बदलने पर होने चाहिए। संत रुमी के ये  कथन इसी परिपेक्ष्य की ओर इशारा है।

“कल मैं चालाक था अतः मैं दुनिया को बदलने चला था, आज मैं समझदार हूं इसलिए खुद को बदल रहा हूं।” 
Yesterday I was clever, so I wanted to change the world. Today I am wise so I am changing myself.” _Rumi.

संभावनाएं हमेशा मौजूद होती हैं !

जीवन चलने का नाम है। अबतक जीवन में क्या पाया क्या खोया, इन बातों में खुद को उलझाए रखना व्यर्थ है। वर्तमान में ध्यान को केन्द्रित किया जाना चाहिए। और जीवन को बेहतर तरीके से जीने का प्रयास होने चाहिए।

“जो कल था वो आज नहीं है ! अपने आज को सुधारने पर विचार करें। आने वाला कल आपके लिए एक बेहतर कल होगा।”
Yesterday is gone and its tale told today new seeds are growing.” _Rumi”

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