ऐसी लागी लगन ..!
मीरा की लगन ऐसी ही थी, उनकी मन की लहरें प्रेम के सागर में मिलने को उमड़ पड़ी। आत्मा जब परमात्मा से साक्षात्कार के लिए तड़प उठती है, तो ऐसा ही कुछ घटित होता है। जैसा कि मीरा के जीवन में घटित हुवा था।
मीरा की लगन ऐसी ही थी, उनकी मन की लहरें प्रेम के सागर में मिलने को उमड़ पड़ी। आत्मा जब परमात्मा से साक्षात्कार के लिए तड़प उठती है, तो ऐसा ही कुछ घटित होता है। जैसा कि मीरा के जीवन में घटित हुवा था।
भगवान महावीर के जीवन की उपलब्धियों एवम् सिद्धांतों ने उन्हें एक महान धर्मगुरु के रूप में स्थापित किया है।
जैन आगम” में उनके शिष्यों ने उनके वचनों को लिपिबद्ध किया है। जो आज के समय में एक आध्यात्मिक ग्रंथ के रूप में जाना जाता है।
महर्षि अरविंद जो अपने युवावस्था में अरविंद घोष के नाम से जाने जाते थे। उनकी रचनाओं और विचारों ने उन्हें एक आध्यात्मिक गुरु के रूप में स्थापित किया। महर्षि अरविंद का जीवन परिचय समस्त संसार के लोगों के लिए समान रूप से प्रेरणादायक है। उनका जन्म 15 अगस्त 1872 को कोलकाता, भारत में हुआ था। …
भारतीय सिनेमा जगत में कुछ ऐसे गीतकार हुवे हैं, जिनके गीतों में उत्कृष्ट काव्य की झलक मिलती है। उन्हीं गीतकारों में से एक हुवे श्यायलाल बाबु राय, जिन्हें इन्दीवर के नाम से जाना जाता है। जिनके गीतों में ऋंगार रस की मधुरता भी है और जीवन दर्शन भी छिपा हुआ है। 1 जनवरी 1924 को झांसी …
लता मंगेशकर! गीत-संगीत की दुनिया के आसमान का एक चमकता हुआ ध्रुव तारा। स्वर कोकिला, स्वर साम्राज्ञी, जिन्हें लोग श्रद्धा पूर्वक लता दीदी कहकर पुकारते हैं। इस भारत कोकिला की सुरमयी स्वर और सौम्य स्वभाव ने करोड़ों लोगों के मन को मोह लिया है। उनकी जादूई आवाज से सुशोभित गीतों को समस्त संसार में पसंद …
अर्जुन के प्रश्न और श्रीकृष्ण के उपदेशों को श्रीमद्भागवत गीता नामक ग्रन्थ में संकलित किया गया है। यह मानव मात्र का ग्रन्थ है! एक ऐसा ग्रन्थ है, जिसमें मानवमात्र के कल्याण का मार्ग प्रशस्त किया गया है। पौराणिक भारतीय शास्त्रों में श्रीमद्भागवत गीता का स्थान वही है, जो उपनिषद एवम् धर्मसूत्रों को प्राप्त है। गीता …
मैं एक तनावमुक्त और हिंसामुक्त समाज चाहता हूं” यह कथन है एक मानवतावादी और आध्यात्मिक नेता का जो आज के समय में श्री श्री रविशंकर के नाम से जाने जाते हैं। 13 मई 1956 को भारत के तमिलनाडु प्रांत में एक विलक्षण गुणों से संपन्न शिशु का जन्म हुआ। बाल्यपन से ही उसमें आध्यात्मिक प्रवृति …
श्री श्री रविशंकर के विचार — Thoughts of Sri Sri Ravishankar Read More »
मानवता के उपासक श्री रामकृष्ण को परमहंस की उपाधि दी गई है। हिन्दु धर्म में परमहंस की उपाधि उन्हें दी जाती है, ज़ो योग के अंतिम अवस्था समाधि को प्राप्त कर लेते हैं। श्री रामकृष्ण परमहंस एक ऐसे अद्भुत संत हुवे, जिन्होंने साधना के द्वारा परमत्तत्व का अनुभव किया था। उनके परम शिष्य स्वामी विवेकानंद …
संत रुमी का संक्षिप्त परिचय ! सुफी संत रूमी फारसी साहित्य के प्रख्यात लेखक, विचारक एवम् स्वच्छ नियमों के जानकार थे। रुमी एक ऐसे सुफी संत थे, जिन्हें दुनिया पागल समझती थी। सुफी संत रुमी का जन्म १२०७ ई° में अफगानिस्तान के वल्ख शहर में हुवा था। कालांतर में मंगोलों के आक्रमण से बचने के …
संत रुमी के अनोखे विचार — Sant Rumi Ke Anokhe Vichar Read More »
युवाशक्ति किसी भी राष्ट्र और समाज का रीढ़ होता है। किसी भी राज्य, राष्ट्र और समाज के निर्माण, सुधार अथवा उत्थान में युवाओं का अहम् योगदान होता है। युवाशक्ति किसी भी राष्ट्र और समाज का वर्तमान होता है। युवाशक्ति में देश व समाज को शिखर पर ले जाने की क्षमता होती है। युवा गहन ऊर्जा …
युवा शक्ति राष्ट्र का आधार है — Yuva Shakti Rashtra Ka Aadhar Hai Read More »
किसी भी परिवार एवमं समाज का भविष्य युवाओं के सोच पर निर्भर करता है। आज का युवा महत्त्वाकांक्षी है, प्रतिभाशाली भी है। परन्तु इस भौतिकवादी युग में वह सब-कुछ कोशिश किये बिना बहुत शीघ्रता से हासिल करना चाहता है। इस आपाधापी में असफल होने पर वह निराश हो जाता है।