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आत्मविश्वास क्या है? — What Is Self Confidence?

शक्ति के विश्वास में ही शक्ति है।

हमारी मानसिक शक्तियां हमारे आत्मविश्वास पर टिकी होती हैं। वास्तव में आत्मविश्वास एक आध्यात्मिक ऊर्जा है। आत्मविश्वास जैसा दुसरा कोई मित्र नहीं। जीवन में सफलता के लिए आत्मविश्वास का होना उतना ही जरुरी है, जितना मछली के लिए पानी का। आत्मविश्वास सफलता का पहला सीढ़ी है। जीवन में आत्मविश्वास का होना अत्यन्त महत्त्वपूर्ण है।

आत्मनिर्भरता उन्नति का आधार है।

आत्मविश्वास से हम आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ाते हैं। आत्मनिर्भरता की कमी से असंतोष पनपता है। जब असंतोष पनपता है तो हमारे मनोभावों के साथ सहनशीलता के टुटने की अभिव्यक्ति होने लगती है। मन मस्तिष्क में नकारात्मक विचार उभरने लगते हैं। नकारात्मक विचारों के प्रभाव में मन अशांत हो जाता है और अवसादग्रस्त हो जाता है। अतः: जीवन में जिन विचारों के अपनाने से आपका जीवन सरल हो उन विचारों को अपनाना चाहिए। हर परिस्थिति में खुद को सकारात्मक बनाए रखना चाहिए। 

स्वामी विवेकानंद के शब्दों में जैसा तुम सोचते हो वैसा ही बन जावोगे, स्वयं को निर्बल मानोगे तो निर्बल और सबल मानोगे तो सबल ही बन जावोगे"। जिनमें आत्मविश्वास की भावना नहीं उनकी इच्छाशक्ति कमजोर पड़ जाती है और वो कभी भी आत्मनिर्भर नहीं हो सकता।

आत्मनिर्भरता का अर्थ : Meaning of self Reliance 👈

जीवन में उम्मीद बनाये रखिये !

किसी शायर ने कहा है; “शाखें रहीं तो फूल भी पत्ते भी आयेंगे। ये दिन अगर बुरे हैं तो अच्छे भी आयेंगे।”

हर किसी को जीवन के सफर में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। संभव है यत्नपूर्वक कार्य करने के बाद भी आपको सफलता ना मिले। आपको जीवन के बुरे दौर से गुजरना पड़े। ऐसी परिस्थिति में विचलित ना हों। आखिर आपके साथ कितना बुरा हो सकता है? आप असफल हो सकते हैं, धन की हानि हो सकती है, सम्मान की हानि हो सकती है! आपके साथ धोखा हो सकता है, आपको चोट पहुंचाने का प्रयास किया किया जा सकता है। किसी भी परिस्थिति में अपना आत्मविश्वास नहीं खोना है।

इन्हीं गम की घटाओं से खुशी का चांद निकलेगा
अंधेरी रात के पर्दे में दिन की रोशनी भी है..!

वैसे जब तक आपमें जीवन ऊर्जा है, आप सब-कुछ नहीं खो सकते। कोई अगर सोच ले कि उसका सबकुछ खो गया है, तो यह भयंकर भूल है। यदि आपमें आत्मविश्वास बना रहा तो आप किसी भी परिस्थिति को संभाल सकते हैं। अपने सुझबुझ और परिश्रम के दम पर आप खोयी हुवी हर चीज को पुनः प्राप्त कर सकते हैं। यह कभी मत सोचिए कि आप कुछ नहीं कर सकते।

एक बार किसी ने स्वामी विवेकानंद से पूछा कि सब-कुछ खो जाने से बुरा और क्या हो सकता है? स्वामीजी ने उसे समझाया कि “सब-कुछ खो जाने से बुरा है उस उम्मीद को खो देना जिसके सहारे हम सब-कुछ वापस प्राप्त कर सकते हैं”।

नकारात्मकता जीवन का अभिशाप है !

एक कहानी है जो मैंने पढ़ी है; एक फकीर एक नदी के किनारे बैठा था और एक आदमी नदी में कुदकर आत्महत्या करने जा रहा था। फकीर ने पूछा कि भाई ऐसी क्या मजबूरी आ गई? क्यों मरने जा रहे हो? आदमी ने कहा कि मेंरा दिवाला निकल गया है; अब जीना व्यर्थ है। फकीर ने कहा; तुम तो मरने जा ही रहे हो, तो ऐसा करो आत्महत्या करने से पहले थोड़ा मेंरे काम आ जाव। आदमी ने कहा; मुझे तो मरना ही है, कहो मैं क्या काम आ सकता हूं।

फकीर उसे राजा के पास ले ले गया। फकीर ने राजा के कान में कुछ कहा तो राजा ने कहा; ठीक है, दो लाख दे दुंगा। उस आदमी ने इतना ही सुना सिर्फ दो लाख दुंगा! आदमी बोला; किस बात का सौदा हो रहा है? फकीर ने कहा तुम्हारी दोनों आंखें बेच रहा हूं, राजा दो लाख देने को तैयार हैं। आदमी ने कहा; तुमने मुझे मुर्ख समझ रखा है क्या? दो लाख में अपनी आंखें बेचूंगा? राजा ने कहा; तो तीन लाख ले लेना, चार लाख ले लेना, पांच लाख ले लेना या फिर बोल तुझे कितना चाहिए, मैं मुंहमांगा दाम देने को तैयार हूं। उस आदमी ने कहा; बेचना किसको है जी!

वह भूल गया कि आत्महत्या करने जा रहा था। फकीर ने कहा; अभी तू नदी में कुदकर मरने जा रहा था, आंखें भी चली जाती, सब चला जाता। यह राजा तुम्हारी आंखें, तुम्हारा किडनी सब लेने को तैयार है। संभाल कर रखवा लेगा, बाद में किसी के काम आयगा। और तू तो मर ही रहा है, फिर तुझे बेचने में; परेशानी क्या है? पहली बार उस आदमी को ख्याल आया कि मैं पांच लाख में अपनी आंखें बेचने के लिए तैयार नहीं हूं और नदी में कुदकर जान देने जा रहा था।

जीवन में आत्मविश्वास जरुरी है !

हमें होश नहीं है कि हमारे पास जो है; वह कितना मूल्यवान है! जिन्हें इस बात का होश हो जाता है वे जागरुक हो जाते हैं। उनके जीवन में नकारात्मक विचारों के लिए कोई जगह नहीं होता।

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कहानियां सच नहीं हुवा करते पर कहानियों में सत्य छुपा रहता है। कहानियां सच का प्रतिबिंब होते हैं, कहानियों के द्वारा सच की ओर इशारा किया जाता है। जिनमें समझ है वही समझ पाते हैं।

इमर्सन का कहना है; “दुनिया के सारे युद्धों में इतने लोग नहीं हारते, जितना की घबराहट से।”

मधुमक्खी कण कण से ही शहद इकट्ठा करती है। उसे कहीं से इसका भंडार नहीं मिलता। उसके छत्ते में भरा शहद उसके आत्मविश्वास और परिश्रम का परिणाम है।

आत्मविश्वास एक ऊर्जा है, जिसके भीतर आत्मविश्वास है उसे भविष्य के प्रति कोई चिंता नहीं होती है। अगर आपके भीतर आत्मविश्वास है तो यह एक अमूल्य संपत्ति है। समय अनुकूल हो अथवा प्रतिकुल खुद पर भरोसा बनाए रखिए! 

4 thoughts on “आत्मविश्वास क्या है? — What Is Self Confidence?”

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