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उम्मीद पर कविता

उम्मीद हूं मैं न छोड़ना मुझे !

उम्मीद हूं मैं न छोड़ना मुझे
लेकर सहारा उन्नत विचारों का
भीतर किसी कोने में हमेशा
मन रे! सहेजकर रखना मुझे !

गर मिलेगी रोशनी तो
मिलेगी मेंरे जलने से ही
बुझा दोगे अगर तो कैसे
दुर करोगे अंधेरे को कभी
दीया हूं मैं एक अकेला
मन रे! जलाये रखना मुझे!

दर्द का दरिया हो अगर
या हो उदासी की लहर
छलक न पाए आंखों से
आंसुओं का कतरा बनकर

उमड़ते उन आंसुओं को पीकर
एक एक बुंद का आहुति देकर
दीया हूं मैं! एक अकेला
मन रे! जलाये रखना मुझे!

लौ है मुझमें रोशनी का
अगर बुझा दिये तो फिर
हो जावोगे अंधेरे में गुम
दीया हूं मैं! एक अकेला
मन रे! जलाये रखना मुझे !

उम्मीद हूं मैं न छोड़ना मुझे
लेकर सहारा उन्नत विचारों का
भीतर किसी कोने में हमेशा
मन रे! सहेजकर रखना मुझे

उम्मीद हूं मैं न छोड़ना मुझे
लेकर सहारा उन्नत विचारों का
भीतर किसी कोने में हमेशा
मन रे! सहेजकर रखना मुझे !

गर मिलेगी रोशनी तो
मिलेगी मेंरे जलने से ही
बुझा दोगे अगर तो कैसे
दुर करोगे अंधेरे को कभी
दीया हूं मैं एक अकेला
मन रे! जलाये रखना मुझे!

दर्द का दरिया हो अगर
या हो उदासी की लहर
छलक न पाए आंखों से
आंसुओं का कतरा बनकर !

उमड़ते उन आंसुओं को पीकर
एक एक बुंद का आहुति देकर
दीया हूं मैं! एक अकेला
मन रे! जलाये रखना मुझे!

लौ है मुझमें रोशनी का
अगर बुझा दिये तो फिर
हो जावोगे अंधेरे में गुम
दीया हूं मैं! एक अकेला
मन रे! जलाये रखना मुझे !

उम्मीद हूं मैं न छोड़ना मुझे
लेकर सहारा उन्नत विचारों का
भीतर किसी कोने में हमेशा
मन रे! सहेजकर रखना मुझे!

निराशा में आशा छुपी है — Nirasha Me Asha Chupi Hai

उम्मीद यानि आशा और निराशा, सुख और दुख, सफलता और असफलता रात और दिन की तरह जीवन में आते जाते रहते हैं। अंत: जीवन में आशा के किरण को जगाकर रखना चाहिए। परिस्थितियां चाहे जैसी भी हों, उसका सामना करना चाहिए। ऐसा नहीं है कि जीवन में विपरितताओं का सामना सिर्फ आपको ही करना पड़ रहा है। जीवन में कठिन परिस्थितियों का सामना हर किसी को करना पड़ता है।

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