भक्ति की शक्ति
भक्ति की शक्ति परम सुखदायी, करो स्वीकार इस पावन त्तत्व को। सुख के इस धारा का अनुभव कर, सार्थक करो निज जीवन को …
भक्ति की शक्ति परम सुखदायी, करो स्वीकार इस पावन त्तत्व को। सुख के इस धारा का अनुभव कर, सार्थक करो निज जीवन को …
सफर है यह जीवन का, है अनोखा एहसास यहां।असिमित हैं खुशियां और गम की भी गहराई यहां। है अथाह सुख का सागर और दुख भी बेसुमार यहां। जीवन एक सफर है …
जीवन एक सफर: काव्य प्रस्तुति।। Read More »
व्यथित मन और चिंतामुक्त मन की अवस्थाएं एक दुसरे से भिन्न होती हैं। यह जो कविता है इन्हीं भावों को व्यक्त करती है …
व्यथित मन पर कविता। Read More »
जीवन की है यही सीख
संघर्ष में हमेशा रहना होगा
जीवन में अगर संघर्ष न हो
जीत कहां फिर संभव होगा…
जीवन की सीख – हिन्दी कविताएं … Read More »
ठोकर ! सामान्यतः इस शब्द का अर्थ है राह चलते किसी भी प्रकार के अवरोधों से टकरा जाना। ठेस लगना, आघात, चोट आदि इसके समानार्थी शब्द हैं। परन्तु ठोकर केवल पैरों को ही नहीं लगती। चोट केवल तन को ही नहीं लगता, मन को भी लगता है। तन या मन को किसी भी प्रकार की
ठोकर जिंदगी के : हिन्दी कविता Read More »
रोचक का अर्थ है रुचिकर अर्थात् जो अच्छा लगे। प्रस्तुत है कुछ रोचक कविताएं, जो स्वरचित हैं। आशा करता हूं कि ये स्नेही पाठक गण को रोचक लगेंगी। सुख और दुख ! सुख हो जीवन में हरदमयह चाहत मन में होती हैपर चांद की चांदनी सेकितनी रातें रोशन होती हैं सुख का मतलब है किदुख
मन ये भावनाओं से भरे हो तुम, सुख की चाह तो है तुझमें, पर शांति से क्यों डरे हो तुम, मन रे भावनाओं से भरे हो तुम।।
जिसे राह में चलना आता है ! रे मन राही वही कहलाता है !! जीवन में परेशानियां आती हैं। परेशानियों से पार पाने का उपाय ढ़ुढ़ना पड़ता है। चिंता करने से छुटकारा नहीं मिलता, और बढ़ जाता है। कभी ऐसा भी होता है कि ये विकराल रूप धारण कर लेती हैं। इन परिस्थितियों में शान्तचित्त
राही वही कहलाता है ! Read More »
उम्मीद हूं मैं न छोड़ना मुझे ! उम्मीद हूं मैं न छोड़ना मुझेलेकर सहारा उन्नत विचारों काभीतर किसी कोने में हमेशामन रे! सहेजकर रखना मुझे ! गर मिलेगी रोशनी तोमिलेगी मेंरे जलने से हीबुझा दोगे अगर तो कैसेदुर करोगे अंधेरे को कभीदीया हूं मैं एक अकेलामन रे! जलाये रखना मुझे! दर्द का दरिया हो अगरया
जुगनू की रोशनी से जुगनू की रोशनी सेघोर अंधेरी रात कीकालिमा तो नहीं मिटतीपर इस टिमटिमातीरोशनी को गर देखेंतो उजाले की होने कीआस भी नहीं मिटती उड़ते फिरते हैं वोघोर अंधेरी रातों मेंजिधर भी वो विचरत्ते हैंपल भर के लिए ही सहीपर मिटा देते हैंआसपास की कालिमा कोऔर कराते हैं ये एहसासकि उजाला अभी मिटा
जुगनू पर कविता : poem on firefly. Read More »
प्रिय एवम् श्रद्धेय पाठकगण नशा हो तो ऐसा हो ! इस कविता के द्वारा मेंरे काव्य-यात्रा की शुरुआत हो रही है। नशा यानी मदहोश होने की अवस्था। ऐसा व्यसन, जिससे किसी न किसी रूप में सभी ग्रस्त हैं। कुछ ऐसी वस्तुएं हैं, जिनमें मादकता होती हैं। सामान्यतः ऐसा समझा जाता है कि उन चीज़ों का
नशा हो अगर तो ऐसा हो ! Read More »