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विनम्रता पर विचार

विनम्रता का अर्थ ! विनम्रता नम होने का भाव है। यह मन में धारण करने योग्य एक बहुमूल्य संपदा है। विनम्रता वह गुण है, जो  हमारे मष्तिष्क को जीवन में होने वाले सभी तरह के बदलाव के लिए तैयार करता है। वास्तव में यह सुख का आधार है। योग्य व्यक्ति भी अगर विनम्र न हो […]

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इच्छाधारी नागिन : सच या काल्पनिक !

इच्छाधारी नागिन दो शब्दों का यह मेंल किसी के मन भी में कौतूहल उत्पन्न करता है। इच्छाधारी से आशय है कि जो किसी का भी रूप धारण कर सकता है। इस प्रकार इच्छाधारी नागिन का तात्पर्य यह हुवा कि वैसी नागिन जो अपना रुप-आकार को बदलने में माहिर हो।  पौराणिक भारतीय साहित्य पर नजर डालें

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तनाव से मुक्ति के उपाय !

तनाव से मुक्ति कैसे पाएं ! यह जानना आज के परिवेश में जरूरी हो गया है। आज के समय में हर कोई किसी न किसी कारण से परेशानी में है। प्रत्येक को पारिवारिक एवम् सामाजिक दायित्वों को निभाना ही पड़ता है। पर सब कुछ चाहने के अनुसार नहीं होता। और जो हो पाता हैं, उसके

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खाली दिमाग शैतान का घर …

‘खाली दिमाग’ का तात्पर्य है मस्तिष्क का विचार शुन्य हो जाना। परन्तु यह जो दिमाग है, क्या कभी खाली हो सकता है ? दिमाग कभी खाली नहीं होता! मनुष्य के मस्तिष्क में हमेशा कुछ न कुछ चलता रहता है। तो फिर खाली दिमाग का तात्पर्य क्या है ?  एक लोकोक्ति है कि ‘खाली दिमाग शैतान

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संकल्पशक्ति क्या है …

संकल्पशक्ति का आशय है, श्रेष्ठ विचार को क्रियान्वित करने की शक्ति। संकल्प एक क्रियाशील चरित्र है। अगर कोई अपना सबकुछ अपने उद्देश्य के लिए दांव पर लगाने के लिए तत्पर हो, तो वह उसे प्राप्त कर लेता है। संकल्प अगर दृढ़ हो तो मुश्किलें दृढ़ नहीं हो सकती। कुछ पाने की इच्छा रखना और उसे

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मन दर्पण कहलाए — Man Darpan Kahlaye

मन दर्पण कहलाए ! अर्थात् मन दर्पण कहलाता है। पर मन और दर्पण दोनों में बुनियादी भिन्नता है, फिर यह समानार्थी कैसे हो सकते हैं! दर्पण एक वस्तु है, जिसे हम देख सकते हैं, स्पर्श कर सकते हैं। परन्तु मन तो अदृश्य है, इसे हम स्पर्श भी नहीं कर सकते। मन का तो केवल अनुभव

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मन पर विचार जरूरी है — Man Par Vichar Jaruri Hai

मन पर विचार जरुरी है ! पर मन पर विचार कैसे करें! सब तो मन के ही विचार हैं। पर मन पर विचार करने के लिए भी मन की जरूरत है। यह प्राय: सबको अनुभव होता है कि उसके पास मन है। मन मनुष्य के पास उपलब्ध एक बहुत बड़ी शक्ति है। शब्द विवेचना करें,

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मदहोशी का अर्थ — Madhosi Ka Arth

मदहोशी का अर्थ है होश में नहीं होना। अब जरा सोचिए कि ‘होश में होने’ का क्या मतलब है ? सामान्यतः जब कोई नशे में हो अथवा क्रोध में हो तो यह समझा जाता है कि वह होश में नहीं है। अर्थात् मदहोशी की अवस्था शरीर एवम् मन दोनों को प्रभावित करता है। परन्तु गहराई

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माया का संसार — World of Illusion

माया क्या है ? इस शब्द को परिभाषित करना कठिन है। यह एक ऐसा शब्द है, जिसका प्रयोग अनेक अर्थों में होता है। भ्रम, सम्मोहन, मन की कल्पना आदि इसके अनेक रूप हैं। कोई व्यक्ति अपनी चतुराई से किसी वस्तु को मिश्र-भिन्न स्वरुप में दिखाता है, इसे हम जादु अथवा तिलिस्म की संज्ञा देते हैं।

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नेकी कर दरिया में डाल —

नेकी कर दरिया में डाल’ यह एक बहुप्रचलित मुहावरा है। जिसका सीधा और सरल अर्थ है, दुसरों की नेकी करो और भूल जाओ। भलाई, उपकार आदि नेकी का समानार्थी शब्द हैं। इसका विपरीत है बदी! बद यानि बुरा, जो अच्छा नहीं है। बद से बना है बदी, बुराई, अपकार आदि इसके समानार्थी शब्द हैं। किसी

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