Adhyatmpedia

अभ्यास का महत्व — Importance of Practice

अभ्यास का अर्थ ! ‘अभ्यास’ अर्थात् बार बार किसी काम को करना। अभ्यास का अर्थ है; एक ही क्रिया को निरंतर दोहराते जाना। और ऐसा तब तक करते जाना जब तक कि आप उस क्रिया मेँ सफल न हो जायेँ। यह कोई शब्द मात्र नहीं है, यह एक निरंतर की जानेवाली क्रिया है। अभ्यासो  न […]

अभ्यास का महत्व — Importance of Practice Read More »

Najariya ka arth

नजरिया का अर्थ क्या है …

इस संसार को हम अपने नजरिये से देखते हैं और यह संसार भी हमें हमारे नजरिये के हिसाब से देखता है। जैसा दृष्टिकोण वैसा दृश्य, जैसी सोच वैसी दुनिया …

नजरिया का अर्थ क्या है … Read More »

क्रोध में क्या करना चाहिए? — What To Do When Angry?

क्रोध एक शक्ति है। क्रोध का होना स्वाभाविक है, कोई मनुष्य ऐसा नहीं, जिसके अन्दर यह ना हो‌। अगर क्रोध ना हो तो आदमी नपुंसक हो जायेगा। जरूरत है अपने क्रोध को जानने की, परन्तु क्या आप अपने इसे जान.पाते हैं ? बिल्कुल नहीं जान पाते, क्योंकि जब आप क्रोध में होते हैं तो पागल

क्रोध में क्या करना चाहिए? — What To Do When Angry? Read More »

एकला चलो रे — Ekla Chalo Re

यदि तोर डाक सुने केऊ ना आसे तोबे एकला चलो रे ! इस कालजयी, मनोरम गीत ‘एकला चलो रे’ का आशय है, कि जीवन पथ पर आगे बढ़ने के लिए किसी का साथ ना मिले तब भी आगे बढ़ते रहना है। अपने मंजिल की ओर हर किसी को हरेक परिस्थितियों से लड़ते हुए, राह में

एकला चलो रे — Ekla Chalo Re Read More »

धर्म क्या है? — What Is Religion?

जब जब धर्म की हानि होती है! श्रीकृष्ण अर्जुन से कहते है; हे भारत जब जब धर्म की हानि और अधर्म की वृद्वि होती है तब तब ही मैं अपने आप को रचता हूं; अर्थात प्रकट करता हूं। यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत । अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्‌ ॥ महाभारत युद्ध के प्रारम्भ होने से

धर्म क्या है? — What Is Religion? Read More »

निराशा में आशा छुपी है —

निराशा एक ऐसी स्थिति है जो निम्न मनोदशा और काम के  प्रति अरूचि को दर्शाता है। अगर ऐसी मनःस्थिति में कोई व्यक्ति लम्बे समय तक उलझा रहे, तो फिर वह अवसाद का शिकार हो सकता है। निराश होने की वजह चाहे कुछ भी हो, निराशा के प्रभाव में आकर उम्मीद नहीं खोना है। निराशा एक

निराशा में आशा छुपी है — Read More »

फितरत का मतलब क्या है — Meaning of Nature

फितरत से कोई अच्छा तो कोई बुरा होता है ! किसी का फितरत उसके सोचने, बोलने और व्यवहार से आंका जाता है। यह व्यक्ति या वस्तु में प्राय: एक जैसा रहने वाला गुण है। बुरे प्रकृति के लोगों में यह कुटिल होने की अवस्था है। वैसे लोग अपने मतलब के लिए गिरगिट के तरह रंग

फितरत का मतलब क्या है — Meaning of Nature Read More »

सम्मान, अभिमान और स्वाभिमान का अर्थ

जब किसी कारणवश आपके सम्मान को ठेस लगे तो आप खुद को अपमानित महसूस करते हो। हर किसी को सम्मान चाहिए! यह भावना सबों में प्रबल होती है।

सम्मान, अभिमान और स्वाभिमान का अर्थ Read More »

निंदक नियरे राखिए — Critics Should Be Around

निंदक आपके शुभचिंतक हो सकते हैं। कबीरदास जी कहते हैं कि ‘निंदक नियरे राखिये’ अर्थात् जो आपका निंदा करता हो, उसे अपने आसपास रखें। क्योंकि जो निंदक होते हैं वो हमेशा आपकी कमियों को, आपके अवगुणों को दर्शाते रहते हैं।

निंदक नियरे राखिए — Critics Should Be Around Read More »

चरित्र का निर्माण जरूरी क्यों है —

चरित्र उन सारे प्रवृतियों का योग है, जो व्यक्ति में होती है। यह व्यक्ति के दृष्टिकोणों और व्यवहार के तरीकों का पूर्ण मिश्रण है। मनुष्य अपनी इन्द्रियों को जिस तरह से व्यवहार में लाता है, इन सभी क्रियाओं का समष्टि है चरित्र। यह किसी व्यक्ति की विश्वास, मूल्य, सोच-विचार और व्यक्तित्व का मेल होता है।

चरित्र का निर्माण जरूरी क्यों है — Read More »

स्वभाव का अर्थ — Meaning of Behavior

हमारा स्वभाव कैसा होना चाहिए ! जैसा हम सोच रहे होते है, वैसा ही हमारा स्वभाव होता है। साधारण मनुष्य  प्रायः दुसरों के क्रिया-कलाप को देखता रहता है। बहिर्मुखी प्रवृत्ति के कारण वह दूसरों के गुण और अवगुण सब देखता है, परंतु दूसरों के गुणों पर ध्यान ना देकर अवगुणों पर ज्यादा ध्यान देता है।

स्वभाव का अर्थ — Meaning of Behavior Read More »