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निंदक नियरे राखिए — Critics Should Be Around

निंदक आपके शुभचिंतक हो सकते हैं। कबीरदास जी कहते हैं कि ‘निंदक नियरे राखिये’ अर्थात् जो आपका निंदा करता हो, उसे अपने आसपास रखें। क्योंकि जो निंदक होते हैं वो हमेशा आपकी कमियों को, आपके अवगुणों को दर्शाते रहते हैं।

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चरित्र का निर्माण जरूरी क्यों है —

चरित्र उन सारे प्रवृतियों का योग है, जो व्यक्ति में होती है। यह व्यक्ति के दृष्टिकोणों और व्यवहार के तरीकों का पूर्ण मिश्रण है। मनुष्य अपनी इन्द्रियों को जिस तरह से व्यवहार में लाता है, इन सभी क्रियाओं का समष्टि है चरित्र। यह किसी व्यक्ति की विश्वास, मूल्य, सोच-विचार और व्यक्तित्व का मेल होता है।

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स्वभाव का अर्थ — Meaning of Behavior

हमारा स्वभाव कैसा होना चाहिए ! जैसा हम सोच रहे होते है, वैसा ही हमारा स्वभाव होता है। साधारण मनुष्य  प्रायः दुसरों के क्रिया-कलाप को देखता रहता है। बहिर्मुखी प्रवृत्ति के कारण वह दूसरों के गुण और अवगुण सब देखता है, परंतु दूसरों के गुणों पर ध्यान ना देकर अवगुणों पर ज्यादा ध्यान देता है।

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आत्मविश्वास क्या है? — What Is Self Confidence?

शक्ति के विश्वास में ही शक्ति है। हमारी मानसिक शक्तियां हमारे आत्मविश्वास पर टिकी होती हैं। वास्तव में आत्मविश्वास एक आध्यात्मिक ऊर्जा है। आत्मविश्वास जैसा दुसरा कोई मित्र नहीं। जीवन में सफलता के लिए आत्मविश्वास का होना उतना ही जरुरी है, जितना मछली के लिए पानी का। आत्मविश्वास सफलता का पहला सीढ़ी है। जीवन में

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संत रुमी के अनोखे विचार — Sant Rumi Ke Anokhe Vichar

संत रुमी का संक्षिप्त परिचय ! सुफी संत रूमी फारसी साहित्य के प्रख्यात लेखक, विचारक एवम् स्वच्छ नियमों के जानकार थे। रुमी एक ऐसे सुफी संत थे, जिन्हें दुनिया पागल समझती थी। सुफी संत रुमी का जन्म १२०७ ई° में अफगानिस्तान के वल्ख शहर में हुवा था। कालांतर में मंगोलों के आक्रमण से बचने के

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युवा शक्ति राष्ट्र का आधार है — Yuva Shakti Rashtra Ka Aadhar Hai

युवाशक्ति किसी भी राष्ट्र और समाज का रीढ़ होता है। किसी भी राज्य, राष्ट्र और समाज के निर्माण, सुधार अथवा उत्थान में युवाओं का अहम् योगदान होता है। युवाशक्ति किसी भी राष्ट्र और समाज का वर्तमान होता है। युवाशक्ति में देश व समाज को शिखर पर ले जाने की क्षमता होती है। युवा गहन ऊर्जा

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प्रतिस्पर्धा का अर्थ क्या है? — What Does Competition Mean?

प्रतिस्पर्धा और प्रतिद्वन्दता में अन्तर है ! प्रतिस्पर्धा यानि प्रतियोगिता एक प्रक्रिया है। ऐसी प्रक्रिया जब दो अथवा दो से अधिक व्यक्ति या समूह किसी उद्देश्य की प्राप्ति हेतु प्रयत्नशील होते हैं। किसी भी कार्य में आगे निकलने की चेष्टा हमें प्रतिस्पर्धा की ओर ले जाती है। सफलता के दौड़ में प्रतिस्पर्धा का होना आनिवार्य

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जिन्दगी के सफर में — In the Journey of Life

जिन्दगी के सफर अनिश्चितताओं से भरे होते है। साथियों ! जिन्दगी के सफर में लोग मिलते हैं बिछड़ते है! सांसारिक मोह के प्रभाव में हमारा मन सुख-दुख, हर्ष-विषाद के भावनाओं से प्रभावित होता रहता है। भावनारूपी समुद्र में जब लहरें उठती हैं तो इस उफान का कोई ओर छोर नहीं होता। ऊपर से स्थिर लगने

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जीवन में दुख क्यों है —

मनिषियों की अगर सुने तो उनका कहना है, कि जीवन में आनंद ही आनंद है। आनंद के सिवा कुछ भी नहीं है। ऋषियों के कहे वचनों को असत्य नहीं ठहराया जा सकता। उन्होंने अपने अनुभव के आधार पर ही ऐसा कहा है। परन्तु साधारण मनुष्य को ऐसा लगता है कि जीवन में दुख ही दुख

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धैर्य रखना जरूरी क्यों है —

धैर्य रखना जरूरी क्यों है? यह जानने से पहले यह विचार करना होगा कि धैर्य क्या है? एक सोच, एक विचार या एक अवधारणा! आइए जानने का प्रयास करते हैं कि धैर्य क्या है? धैर्य पर विचार जरूरी है! धैर्य या धीरज का आशय है कि जहां हम हैं, जिस स्थिति में हैं, अगर वह

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संतोष क्या है- जानिए

संतोष परम सुख है, अगर आप संतुष्ट हैं, तो आपके सभी दुख मिट जाते हैं। आप शांति से सोते हैं, खुशी खुशी जागते हैं। आप के ह्रदय में प्रेम और करुणा भरी रहती है और आप को असीम शांति का अहसास होता है।

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