जीवन की सीख – हिन्दी कविताएं …
जीवन की है यही सीख
संघर्ष में हमेशा रहना होगा
जीवन में अगर संघर्ष न हो
जीत कहां फिर संभव होगा…
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जीवन की है यही सीख
संघर्ष में हमेशा रहना होगा
जीवन में अगर संघर्ष न हो
जीत कहां फिर संभव होगा…
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आत्ममंथन हमारी सफलता का राज है। चाहे निराशा हो या फिर असफलता, आत्ममंथन हमें खुद पर विश्वास रखना सीखाता है।
भगवान महावीर के जीवन की उपलब्धियों एवम् सिद्धांतों ने उन्हें एक महान धर्मगुरु के रूप में स्थापित किया है।
जैन आगम” में उनके शिष्यों ने उनके वचनों को लिपिबद्ध किया है। जो आज के समय में एक आध्यात्मिक ग्रंथ के रूप में जाना जाता है।
भगवान महावीर के अनमोल वचन … Read More »
क्रियायोग एक सरल एवम् प्रभावी योग प्रणाली है, जो सभी लोगों के लिए उपयुक्त है। इसमें कपालभाति, भस्त्रिका, त्राटक एवम् नेती क्रिया के द्वारा शरीर के अंगों को विशेष रुप से सबल बनाया जाता है। सांसारिक जीवन की गतिविधियों से उत्पन्न तनाव से मुक्ति पाने के लिए इन क्रियाओं का अभ्यास अत्यंत लाभकारी होता है।
क्रियायोग क्या है जानिए… Read More »
भेदभाव, अर्थात् भेद की भावना। यह एक ऐसा शब्द है, जो विभिन्न विषयों में प्रयुक्त होता है। ऊंच-नीच, छुवाछुत आदि के भाव इसमें संलग्न होते हैं। जो किसी व्यक्ति या समूह के साथ वर्ग, जाति, धर्म, लिंग आदि के कारण उनके साथ भिन्नता का विचार उत्पन्न करता है। भेदभाव विभिन्न कारणों से वैचारिक भिन्नता के
भेदभाव : एक वैचारिक विपन्नता। Read More »
पेनिक डिसऑर्डर (penic disorder) एक मनोविकार है, जिसमें अचानक अधिक चिंता या घबराहट की अवस्था हो जाती है। जीवन में अनेक प्रकार की समस्याओं का आना जाना लगा रहता है। उपस्थित परेशानियां किसी किसी को अत्यधिक चिंताग्रस्त कर देती है। अगर लम्बे समय तक भय एवम् चिंता का भाव बना रहे तो व्यक्ति अवसादग्रस्त हो
पेनिक डिसऑर्डर को नियंत्रित कैसे करें!! Read More »
मित्रों नमस्कार, इस आलेख में एक शिक्षक की संवेदना का उल्लेख किया जा रहा है। आज के समय में भी ऐसे शिक्षक हैं, जो संवेदनशील होते हैं। ऐसे ही एक शिक्षक हैं श्री भालचंद्र पाण्डेय, जो उत्तर प्रदेश के बलिया प्रक्षेत्र के रहनेवाले हैं। “पहले पेट भरना सीख लो, फिर जो चाहे करो”, विद्यार्थियों के
एक शिक्षक की संवेदना Read More »
सफर और वंदगी दो अलग-अलग शब्द हैं, जो भिन्न अर्थों को दर्शाते हैं। जो सफर करता है, वह मुसाफिर कहलाता है, यात्री कहलाता है। वह एक स्थान से दूसरे स्थान तक आया-जाया करता है। यात्रा के विभिन्न उद्देश्य होते हैं, जिन्हें पूरा करने के लिए यह कार्य किया जाता है। वंदगी का समानार्थी शब्द है
सफर और वंदगी का जीवन में महत्व..! Read More »
आध्यात्मिकता क्या है? इसे समझने के यह जानना होगा कि अध्यात्म क्या है? क्योंकि आध्यात्मिकता का संबंध अध्यात्म से है। और अध्यात्म एक ऐसा विषय है, जिसे शब्दों से समझाना कठिन है, यह अनुभव का विषय है। आध्यात्मिकता एक मार्ग है, जिसपर चलकर आध्यात्मिक हुवा जा सकता है, अध्यात्म को जाना जा सकता है। यह
आध्यात्मिकता क्या है… जानिए। Read More »
होली एक प्रसिद्ध भारतीय त्योहार है जो भारत के विभिन्न हिस्सों में मनाया जाता है। यह त्योहार फाल्गुन मास के समापन एवम् चैत्र मास के आरंभ काल में मनाया जाता है। होली का उत्सव सम्पूर्ण भारत में धूमधाम से मनाया जाता है। यह उत्सव फाल्गुन पूर्णिमा और इसके दूसरे दिन मनाया जाता है। यहां तक
होली उत्सव का महत्व। Read More »
महर्षि अरविंद जो अपने युवावस्था में अरविंद घोष के नाम से जाने जाते थे। उनकी रचनाओं और विचारों ने उन्हें एक आध्यात्मिक गुरु के रूप में स्थापित किया। महर्षि अरविंद का जीवन परिचय समस्त संसार के लोगों के लिए समान रूप से प्रेरणादायक है। उनका जन्म 15 अगस्त 1872 को कोलकाता, भारत में हुआ था।
महर्षि अरविंद का जीवन परिचय Read More »