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सुर्य नमस्कार क्या है जानिए…

सुर्य नमस्कार का शाब्दिक अर्थ है सुर्य को नमस्कार करना। भारतीय संस्कृति में एक दूसरे को अभिवादन करने के लिए नमस्कार का प्रचलन है। सामान्यतः यह एक दुसरे के प्रति आदर एवम् विनम्रता का भाव व्यक्त करने का एक मुद्रा है। गहन अर्थों में प्रत्येक मनुष्य के भीतर एक विशिष्ट ऊर्जा विद्यमान है, जो कि […]

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प्रभाते कर दर्शनम् …. प्रातःकालीन मंत्र।

प्रभाते कर दर्शनम् – यह एक मंत्र का अंश है, जिसमें तीन शब्द हैं। पहला है प्रभात यानि सुबह की बेला, दुसरा है कर यानि हथेली और तीसरा है दर्शन। यहां दर्शन का आशय देखने से है। सुबह की जो बेला है, हम नींद से जगते हैं। जब हम नींद में होते हैं, हमारी पलकें

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अष्टांगयोग क्या है जानिए

अष्टांगयोग क्या है? इस प्रश्न का समाधान चंद शब्दों अथवा वाक्यों में नहीं किया जा सकता। यह साधना का विषय है, इसके मार्ग पर चलकर ही इस विषय पर समुचित जानकारी प्राप्त की जा सकती है। शब्द की विवेचना करें तो अष्टांग का आशय हुवा है आठ अंगो वाला। और योग का आशय दो अथवा

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प्राणायाम क्या है जानिए..!

प्राणायाम का शाब्दिक अर्थ है प्राण का नियमन। यह प्राण और आयाम दो शब्दों का मेल है। प्राण वह ऊर्जा है जिसके कारण हमारा जीवन है। वह शक्ति जो हमारे शरीर को, जो एक यंत्र की भांति है, इसे संचालित करता है। इसका संबंध श्वास-प्रश्वास से है, इसी प्रक्रिया के द्वारा प्राण ऊर्जा का प्रत्यक्ष

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अनुलोम विलोम क्या है जानिए…

अनुलोम विलोम श्वास लेने और छोड़ने की एक प्रक्रिया है। सामान्यतः हम नाक के दोनों छिद्रों से सांस लेते और छोड़ते हैं। पर अनुलोम विलोम में नासिका के एक छिद्र से सांस लिया जाता है और दुसरे से छोड़ा जाता है। अनुलोम विलोम एक दुसरे के विपरीत हैं। नासिका के एक छिद्र से सांस लेना

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मूर्खता क्या है जानिए

मूर्खता मूर्ख होने की अवस्था है। इसके मूल में मूल ‘मूर्ख’ शब्द है। बुद्धहीनता इसका समानार्थी शब्द हैं। अर्थात् यह माना जाता है कि मूर्खता में बुद्धि का अभाव होता है। अब सवाल यह उठता है कि क्या वास्तव में मूर्ख बुद्धिहीन होते हैं? चूंकि यह मन का विषय है, मन का भाव है। अतः

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दृष्टिकोण का अर्थ क्या है जानिए…

दृष्टिकोण हिन्दी भाषा का एक शब्द है। यह जो शब्द है, दृष्टि और कोण दो शब्दों का युग्म है। दृष्टि का आशय देखने की वृति से है, देखने की शक्ति से है। जिन चीजों को देखने की हमारी रुचि होती हैं, वो सबकुछ हमें दिखता है। अगर देखना न चाहें, तो कुछ भी नहीं दिखाई

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निराशा के पल … Moment of despair.

निराशा के पल, अर्थात् वह पल जब कोई निराश होता है। निराशा निराश होने का भाव है, यह आशा के विपरीत की अवस्था है। निराशा का अर्थ है आशा का अभाव। हर कोई सुखी होना चाहता है, सुख की चाहत व्यक्ति को कार्य में प्रवृत्त करता है। और ये कार्य सफलता की आशा के साथ

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आदर्श का अर्थ -Meaning of Ideal.

आदर्श हिन्दी भाषावली का एक शब्द है। आदर्श का अर्थ है, श्रेष्ठतम होने की अवस्था। वह अवधारणा जिसके अनुसार उत्कृष्ट भाव-विचारों को धारण कर उत्तम चरित्र का निर्माण किया जा सकता है। आदर्श एक ऐसी अवधारणा है, जिसका संबंध व्यक्तित्व के विकास से है। आदर्श का अर्थ क्या है जानिए! बात किसी व्यक्ति, संस्था या

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संघर्ष ही जीवन है ..!

संघर्ष ही जीवन है! क्योंकि विना संघर्ष के कुछ भी हासिल नहीं होता। जीवन में जो कुछ भी प्राप्त करने की चाह होती है, उसके लिए संघर्ष करना पड़ता हैं। संघर्ष ही जीवन है! जीवन है तो संघर्ष है! संघर्ष के विना जीवन नहीं है! ये जो उक्तियां हैं, सभी का आशय समान है। इन

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मन की हीनता: कारण और निदान!

मन की हीनता का आशय हीन भावना से है। हीनता निम्न होने का भाव है, तुच्छ होने का भाव है। यह नकारात्मक भाव है, जो मन का विषय है। क्योंकि भावनाएं मन में ही उत्पन्न होती हैं। भावनाएं ही विचारों की जननी हैं। मन में जो भाव होंगे, विचार भी वैसे ही उभरकर आयेंगे। और

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