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प्रयास का अर्थ क्या है? — What is the Meaning of Effort?

हार-जीत के बीच में एक ही रास्ता है; प्रयास! 

साथियों, जीवन में सफलता और असफलता, हार और जीत के बीच में एक ही रास्ता है; वह रास्ता है प्रयास का। प्रयास करना अर्थात् किसी काम को प्राऱभ करना और निरंतर करते रहना जब तक हम उसमें सफल ना हो जाएं। 

किसी भी क्षेत्र में जिन्होंने भी  सफलता हासिल की है, उन्हें उसके लिए कीमत चुकानी पड़ी है। उन्हें भी असफलताओं के दौर से गुजरना पड़ा है, परन्तु उन्होंने कभी हार नहीं मानी। सफलता उन्हीं को मिली है जिन्होंने इसके लिए प्रयास किया है।

उद्यमेन हि सिद्धन्ति कार्याणि न मनोरथै: । नहि सुप्तस्य सिंहस्य मुखे प्रविशन्ति मृगा: ।।

कोई भी कार्य कड़ी मेहनत से ही पूर्ण होता है सिर्फ सोचने से नहीं। कभी भी सोते हुवे शेर के मुंह में हिरण खुद से नहीं चला आता है।

अब्राहम लिंकन झोपड़ी से निकलकर अमेरिका के राष्ट्रपति बने! नेपोलियन एक निर्धन परिवार में पैदा हुए और फ्रांस पर ही नहीं आधे विश्व पर राज किया! एकलव्य अपने प्रयास से धनुर्विद्या का पण्डित बना! ईश्वरचन्द्र विद्यासागर निर्धन व्यक्ति से बंगाल का महान शिक्षा शास्त्री बन गये! लाल बहादुर शास्त्री निर्धनता की नदी पार कर भारत के प्रधानमंत्री बन गए ।

प्रयास करते रहना ही एकमात्र विकल्प है!

हममें से हर कोई अपने-अपने क्षमता के अनुसार अपने पसन्द के क्षेत्र में कार्य करना चाहता है और सफलता हासिल करना चाहता है। जीवन में हर कोई सफल होना चाहता है, सबके कुछ ना कुछ अरमान होते हैं और इसे पुरा करने के लिए सभी अपने-अपने तरीके से कोशिश भी करते हैं। परन्तु कई बार ऐसा होता है कि किसी कार्य विशेष का अपेक्षित परिणाम सामने नहीं आ पाता है। 

अगर कोई अपने पसन्द के अनुसार कार्य का चुनाव करे और कार्य को कर पाने के योग्य कुशलता भी हासिल कर ले । कार्य को सम्पन्न करने के लिए उचित योजना बनाकर, जरुरी साधन इकट्ठा करे और फिर काम में लग जाय, परन्तु किसी ना किसी कारण से उसे  सफलता हासिल नहीं हो, तो उसकी सारी योजनाएं, श्रम और साधन बेकार हो जाता है और व्यक्ति निराश हो जाता हैं।

अब प्रश्न यह उठता है कि ऐसी परिस्थिति में उसे क्या करना चाहिए? क्या उसे हाथ पर हाथ रख बैठ जाना चाहिए? क्या थक हार कर बैठ जाने से उसके समस्याओं का निदान हो जायेगा? इस प्रश्न का सीधा और सरल उत्तर है, कि नहीं ऐसा नहीं करनी चाहिए। ऐसा करने से केवल एक ही चीज हाथ लगेगा, वह है निराशा। तब फिर क्या करें? इन परिस्थितियों में धैर्य बनाए रखना है और शान्त भाव से पुनः कार्य में लग जाना चाहिए। सफलता के लिए प्रयासरत रहना ही एकमात्र विकल्प है। 

निरंतर प्रयत्न करते रहिये !

एक  पुरानी कहावत है कि ‘समय से पहले और भाग्य से ज्यादा किसी को भी कुछ नहीं मिलता’। तो फिर हमें क्या करना चाहिए? क्या हम निष्क्रिय होकर समय का इंतजार करें? क्या हम स्वयंम् को भाग्य के भरोसे छोड़ दें? कई बार हमें जो चाहिए वो नहीं मिलता, इसमें भी भाग्य का कोई खेल छुपा होता है। अतः हमें उम्मीद नहीं छोड़नी चाहिए। अगर हम हाथ धरकर बैठे रहें तो हमें निराशा ही हाथ लगेगी। 

जीवन में एक उम्मीद का होना बहुत जरूरी है। स्मरण रहे! भाग्य भी उसी का साथ देता है जो कुछ भी भाग्य के भरोसे नहीं छोड़ता। विपरीत से विपरीत परिस्थितियों में भी आशा के एक किरण को जगाकर रखना चाहिए और समस्याओं से निजात पाने के लिए सतत् प्रयास करते रहना चाहिए।

संघर्ष से ही सफलता मिलती है !

दोस्तों, यह संसार हर क्षेत्र में सफल हुए लोगों के गाथाओं, उनके विचारों एवम् गीतों से भरी पड़ी है। हम सबको जीवन में सकारात्मक बने रहने के लिए उनसे सीखने की जरूरत है। निम्नांकित प्रेरक गीत की पंक्तियां विख्यात शायर और हिन्दी सिनेमा जगत के गीतकार मजरूह सुलतानपुरी ने लिखी है। इस गीत के माध्यम से उन्होंने भी कहा है; कि जीवन में सफलता के लिए कांटो भरे पथ से गुजरना पड़ता है। 

रूक जाना नहीं तू कहीं हार के
कांटों पे चलके मिलेंगे साये बहार के!
ओ राही.. ओ राही..!
सुरज देख रुक गया है
तेरे आगे झुक गया है!
जब कभी ऐसे कोई मस्ताना
निकले अपनी धुन में दिवाना!
शाम सुहानी बन जाती है, दिन इंतजार के!
रुक जाना नहीं तू कहीं हार के..!

खुद के अनुमवों से सीख लेकर आगे बढ़ें!

सकारात्मक सोच बनाए रखिए, जीवन में आगे बढ़ते चलिए! ठहरिए; विचार किजिए पर थक हार कर बैठना नहीं है। आसपास नजर आ रहे हर वस्तुओं से, हर घटनाओं से सीखते रहिए। अगर आप असफल हुवे हैं, तो अवश्य आपसे कोई न कोई भूल हुवी होगी। ध्यान रहें, जो गलतियां आपसे बीते समय में की गयी है, उसकी पुनरावृत्ति न हो।

अंग्रेजी भाषा में एक thought है; “life can be understood backwards but it must believed in forwards.”

अगर कोई किसी काम में असफल हो जाय, तो उसे निराश नहीं होना चाहिए। निराश होने के बजाय वह क्यों असफल हुवा, उसे इस पर विचार करना चाहिए। अपनी असफलता के कारणों पर गौर करना चाहिए‌। इस बात पर अडिग रहना है, जो गलतियां हो चुकी हैं, उनकी पुनरावृति ना हो। और प्राप्त अनुभव के आधार पर जीवन में आगे बढते रहिए।

असफलता सफलता की जननी है!

असफलता एक चुनौती है, जो असफल होते हैं वही सफल होते हैं! आदि अनेक उक्तियों को हम पढ़ते, देखते रहते हैं। लेकिन इन पर गहराई से विचार नहीं करते। संसार में अनेक विचारकों ने हमें  समय-समय पर जीवन में सकारात्मक बनें रहने की जरूरत बल दिया है। नकारात्मक विचारों से खुद को अलग रहने की सीख देते रहे हैं। साहित्य और काव्य की पुस्तकें प्रेरक व्यक्तित्व के गाथाओं, प्रेरक विचारों, कहानियों एवम् कविताओं, दोहों से भरे पड़े हैं। लेकिन जिन्हें प्रेरणा लेनी होती है, वो साधारण से साधारण व्यक्ति, वस्तु अथवा घटना से सीख लेकर जीवन में आगे बढ़ जाते हैं।

इतिहास अनेक महापुरुषों के संघर्ष के गाथाओं से भरा हुवा है। जो लोग अपने जीवन में सफल हुवे हैं, उनके सम्बन्ध में जानने का प्रयास होना चाहिए।

मोहम्मद गौरी के संघर्ष की गाथा !

इतिहास के पन्नों में पृथ्वीराज राज चव्हाण एवम् मोहम्मद गौरी के बीच टकराव का वर्णन मिलता है। मोहम्मद गौरी के सम्बन्ध में एक कहानी भी प्रचलित है। मोहम्मद गौरी जब पृथ्वीराज चव्हाण से युद्ध में बुरी तरह पराजित हो जाता है,तो वह निराश हो जाता है। एक दिन उदास मन से वह एक चट्टान के तलहटी पर बैठा अपने हार के कारणों पर सोच रहा होता है, तभी उसकी नजर चट्टान के नीचे चिंटियों के झुंड पर पड़ती है। वह उसे देखने लगता है, वह देखता है एक चींटी जो चट्टान के दिवारों के सहारे चट्टान के ऊपर चड़ने का प्रयास करती है और फिसल कर गिर जाती है। इस प्रकार उसने देखा की वह चींटी सौलह बार गिरि और सतरहवें प्रयास में चट्टान पर चढ्ने में सफल हो गयी। गौरी भी सौलह बार जंग में हार चूका था, उसने उस चींटी से प्रेरणा लेकर फिर से जंग की तैयारी शुरू कर दी। और सतरहवीं प्रयास में उसे जीत हासिल हुई।

अतिरिक्त प्रयास नहीं करना चाहिए! 

एक बात और प्रयास तो होने ही चाहिए, लेकिन जबरदस्ती अथवा अधुरे मन से नहीं। काम करने के अवधि में खुद को सहज बनाये रखिए। गोली गटकनी होती है दवा की; खाना आप रोज गटक जाते हैं। गोली जीभ में रह जाती है, पानी अन्दर चला जाता है। प्रयास होने चाहिए लेकिन जबरन नहीं, extra effort नहीं। आपको दवा की गोली गटकने की आदत नहीं होती, उसे गटकने के लिए extra effort लगाना पड़ता है, यही कारण है की गोली मुंह में अटक जाती है।आधे-अधूरे मन से अथवा जोर-जबरदस्ती से किया गया प्रयास आपके जीवन में निराशा का भाव ला सकती है। आपको किसी कार्य को करने का अतिरिक्त प्रयास नहीं करना चाहिए। आपको तो सरलता और सहजता के साथ कार्य को करने का प्रयास करना चाहिए। ‌प्रयास पुरे मन से होना चाहिए।

चिंतन करिए पर चिंता मत करिए। 

चिंता से नहीं, चिंतन से होगा समाधान!

पुरे लगन के साथ शान्त भाव से काम में लगे रहिए। जैसे जैसे कार्य आगे बढ़ता जाएगा, रचनात्मक सोच की जरूरत भी बढ़ती जायगी। रचनात्मकता की कुछ शर्ते हैं; समस्याओं का सामना करना, चिंतन करना, विरोधाभास को स्वीकार करना और खुद में हर दिन नया उत्साह को महसूस करना। अतः दोस्तों, याद रखें; परिश्रम के अलावा कोई और रास्ता नहीं है। जीवन में सफलता और असफलता के बीच में एक ही रास्ता है प्रयास!

किसी शायर ने कहा है;
‘मुश्किलें दिलों के इरादों को आजमाएंगी
आंखों के पर्दों को निगाहों से हटायेंगी।
गिरकर भी हमको सम्हलना होगा
ये ठोकरे ही हमको चलना सिखाएंगी’।

आपको मेरी बातें कैसी लगीं, नीचे कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।