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धीरे-धीरे रे मना, धीरे सब कुछ होय — Dheere Dheere Re Mana, Dheere Sab Kuch Hoye

धीरे धीरे रे मना धीरे सबकुछ होय।माली सींचै सौ घड़ा ऋतु आये फल होय।। धैर्य और समय इन दो त्तत्वों का महत्व जीवन में सर्वाधिक है। संत कबीर ने इसी बात को इंगित किया है। कबीर कहते हैं, कि सब काम धीरे-धीरे और समय आने पर ही संपन्न होता है। समय आने पर ही पेड़ …

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पोथी पढ़-पढ़ जग मुआ — Pothi Padh-Padh Jag Mua

पोथी एक संस्कृत शब्द है, अन्य भाषाओं में इसे पुस्तक, किताब, book आदि नामों से जाना जाता है।  छोटी-छोटी पुस्तकों को पोथी कहा जाता है, जिसके पन्नों में नैतिक, धार्मिक बातों का उल्लेख होता है, यानि ज्ञान की बातें लिखी होती हैं। अपने वृहत स्वरुप में, अर्थात् मोटी-मोटी धार्मिक पुस्तकों को ग्रन्थ, शास्त्र, संहिता आदि …

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प्रेम ना बाड़ी ऊपजै — Love Doesn’t Grow In The Garden

प्रेम ना बाड़ी ऊपजै प्रेम ना हाट विकाय। राजा रंक जेही रूचै सीस दिये ले जाय।। कबीर के दोहे दोहे में प्रेम के विषय में जो अभिव्यक्ति है! उसके अनुसार प्रेम कोई वस्तु नहीं है, जिसका पैदावार खेतों, बगीचों में  किया जा सके। और ना ही यह बिकाऊ है, जिसे हाट-बाजार से मोल अथवा उधार …

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सुनसान नगर अंजान डगर का प्यारा हूं… आवारा हूं!

सुनसान नगर अंजान डगर का प्यारा हूं! आवारा हूं! इस गीत की पंक्तियां गीतकार शैलेंद्र ने लिखी है, और स्वर दिया है प्रसिद्ध पार्श्व गायक मुकेश ने। साधारण मन के लिए तो इस गीत में मनोरंजन से अधिक कुछ भी नहीं, पर इस नजरिए से भी यह गीत अत्यन्त मधुर एहसास देता है। आवारा हूं …

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माटी कहे कुम्हार से — Mati Kahe Kumhar Se

माटी का चक्र ! माटी कहे कुम्हार से क्यों रौंदो हो मोय।एक दिन ऐसा आवेगा मों रौंदूगी तोय।। उक्त पंक्तियां कबीरदास ने कही है। इस दोहे का सरल अनुवाद है; माटी कुम्हार से कहती है कि तुम मुझे क्यों रौंद रहे हो, एक दिन ऐसा आएगा जब मैं तुम्हें रौंदूगी। सुनने पढ़ने में तो यह …

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डर के आगे जीत है — Victory Is Beyond Your Fear

डर क्या होता है..! डर अथवा भय एक नकारात्मक भावना है, जो जीवमात्र को महसूस होता है। मनुष्य के मन में भी कहीं न कही डर छुपा होता है। ओशो के अनुसार ‘डर एक काले बादल की तरह होता है जो मनुष्य के जिन्दगी को ढंक लेता है। डर के अनेक रुप और कारण होते …

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सपने साकार कैसे करें? — How To Make Dreams Come True?

सपने तब तक काम नहीं करते जब तक आप काम नहीं करते ! सपने देखना, सपनों का दिखना और अपनै सपनों को साकार करना, अलग-अलग विषय है। सबसे पहले सपने क्या होते हैं ? यह समझना जरूरी है। किसी एक मान्यता के आधार पर इसकी व्याख्या नहीं हो सकती है। सामान्य दृष्टि में मनुष्य जब …

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Yogyata ka arth

योग्यता का अर्थ क्या है —

योग्यता एक ऐसी चीज है, जो प्रत्येक व्यक्ति के भीतर पायी जाती है। जरुरत है अपनी योग्यता को पहचानने का। उसे शिक्षा के द्वारा, साधना के द्वारा विकसित करने का …

पल दो पल है जिंदगी — Pal Do Pal Hai Zindagi

पल का आशय क्या है जानिए ! पल समय की एक इकाई है। वैदिक मापदंड के अनुसार एक सुर्योदय से दुसरे सुर्योदय के समय को दिवस या दिन कहा जाता है। एक दिवस में साठ घड़ी होते हैं और एक घड़ी में साठ पल होते हैं। समय के वर्तमान मानक के अनुसार एक पल चौबिस …

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मुसाफिर का अर्थ …

मुसाफिर का अर्थ है, जो सफर में हो। मुसाफिर एक कर्ता है और सफर एक क्रिया। सामान्यतः मुसाफिर वह है जो सफर करता है। एक स्थान से दुसरे स्थान की ओर ! वह तब तक भटकता रहता है, जब तक उसे मंजिल नहीं मिल जाती।  राहगीर, राही, मार्गी, पथिक, बटोही आदि इसके अनेक समानार्थी शब्द …

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