ईर्ष्या या बैर !!
ईर्ष्या या बैर मन के भाव हैं। ईर्ष्या में जलन का भाव है, और बैर में शत्रुता का भाव है। दोनों ही नकारात्मक भाव हैं, परन्तु भिन्न भिन्न स्वरुप में परिलक्षित होते हैं। वस्तुत: ईर्ष्या का ही परिवर्तित रुप बैर है। जब किसी किसी की उन्नति देख मन आहत हो, तो यह भाव ईर्ष्या है। …