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कर्मयोग के रहस्य — Secrets of Karma Yoga

जानिए कर्मयोग का रहस्य क्या है ! कर्मयोग एक ऐसा शब्द है, जिसके गर्भ में गहन अर्थ निहित है। इस शब्द को परिभाषित कर पाना सरल नहीं होगा। किसी भी तथ्य को जानने समझने के लिए अनेक ग्रंथ और शास्त्र उपलब्ध हैं। स्वाधयाय के साथ हम अपने समझ को विकसित कर सकते हैं। प्रस्तुत आलेख […]

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पल दो पल है जिंदगी — Pal Do Pal Hai Zindagi

पल का आशय क्या है जानिए ! पल समय की एक इकाई है। वैदिक मापदंड के अनुसार एक सुर्योदय से दुसरे सुर्योदय के समय को दिवस या दिन कहा जाता है। एक दिवस में साठ घड़ी होते हैं और एक घड़ी में साठ पल होते हैं। समय के वर्तमान मानक के अनुसार एक पल चौबिस

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मुसाफिर का अर्थ …

मुसाफिर का अर्थ है, जो सफर में हो। मुसाफिर एक कर्ता है और सफर एक क्रिया। सामान्यतः मुसाफिर वह है जो सफर करता है। एक स्थान से दुसरे स्थान की ओर ! वह तब तक भटकता रहता है, जब तक उसे मंजिल नहीं मिल जाती।  राहगीर, राही, मार्गी, पथिक, बटोही आदि इसके अनेक समानार्थी शब्द

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जीवन क्या है : What Is Life …

जीवन जिसे हम जिंदगी भी कहते हैं, इसे परिभाषित करना सरल नहीं है। कोई इसे  किस तरह जीता है , यह उसका अपना दृष्टिकोण होता है। और प्रत्येक अपने अनुभव के आधार पर ही इसे समझाने का प्रयास करता है। किसी के लिए यह अवसर है, किसी के लिए खेल है। किसी के लिए सफर

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सुमति है तो सम्पति है —

जहां सुमति तहां सम्पति नाना ! सुमति और कुमति एक दुसरे के विलोम शब्द हैं। सुमति का आशय सद्बुद्धि से है, सद्भभाव से है।। सुमति अर्थात् अच्छे विचारों से युक्त, यह ऐसी बुद्धि है जो विवेक को धारण करता है। यह  ऐसी मान्सिक स्थिति है जो किसी व्यक्ति को अच्छे कर्म, अच्छे व्यवहार करने के

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सफलता और विफलता — Success and Failure

सफलता और विफलता कर्ता का मनोभाव है, जो उसके इच्छाओं, कामनाओं से उत्पन्न होती है। सफलता या कामयाबी से आशय है सफल होने का भाव। यह सफल शब्द का विशेषण है। सफल यानि फल से युक्त, कामना से युक्त। व्यक्ति की कामयाबी उसकी इच्छाओं के पुर्ण होने की स्थिति है। जब व्यक्ति अपनी कामनाओं की

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बच्चे मन के सच्चे — Bachche Man Ke Sachche

आज के बच्चे कल के पिता हैं ! बच्चे बहुत प्यारे होते हैं। नटखट होते हैं, पर उनका मन बिल्कुल साफ होता है। इनका मन खाली बर्तन के समान होता है। खाली बर्तनों में जो चाहो भर दो, वैसे ही होता है बच्चों का मन। क्या अच्छा है और क्या बुरा उन्हें इसका ज्ञान नहीं

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गुरु की महिमा — Glory of The Guru

‘गुरु’ को परिभाषित करना सरल नहीं है। संत कबीरदास ने कहा है; कि सात समन्दरों के जल को स्याही बना दी जाय, सभी वृक्षों को कलम बना दिया जाय, समुचे धरा को कागज बना दिया जाय तब भी इनकी महिमा को लिखा नहीं जा सकता है। सात समद की मसि करो लेखनी सब बनाई। धरती

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रिश्ते-नाते क्या होते हैं? — What Are Relationships?

रिश्ते समझदारी से बनते हैं ! रिश्ते; अर्थात् व्यक्तियों के बीच आपस में होने वाले लगाव, संबंध या संपर्क। यह व्यक्तियों में होने वाला पारस्परिक संबंध है। यह ऐसा संबंध है जो एक ही कुल में जन्म लेने अथवा विवाह आदि करने से होता है। कुछ रिश्ते व्यक्ति के जन्म लेने के साथ ही बन

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चिंता नहीं चिंतन से होगा समाधान

चिंता नहीं चिंतन करो —

चिंतन मन का केवल कार्य ही नहीं वल्कि धर्म है। चिंतन के पश्चात जो कार्य किया जाता है, उसकी सफलता में संदेह नहीं रहता। अत: किसी भी कार्य को करने से पूर्व चिंतन करना चाहिए। किसी भी समस्या पर हमें चिन्ता नहीं चिंतन करना चाहिए।

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प्रयास का अर्थ क्या है? — What is the Meaning of Effort?

हार-जीत के बीच में एक ही रास्ता है; प्रयास!  साथियों, जीवन में सफलता और असफलता, हार और जीत के बीच में एक ही रास्ता है; वह रास्ता है प्रयास का। प्रयास करना अर्थात् किसी काम को प्राऱभ करना और निरंतर करते रहना जब तक हम उसमें सफल ना हो जाएं।  किसी भी क्षेत्र में जिन्होंने

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